जय जय जय जय जय जय जय जय जय जय सहस्त्रबाहु
जय जय जय जय जय जय जय जय जय जय सहस्त्रबाहु (४)
आपके चरणों में मै नित्य दीप जलाऊ
दीप जलाकर मैं सर्वसुख पाऊ
जय जय जय जय जय जय जय जय जय जय सहस्त्रबाहु (४)
आपकी भुजाओ में शक्ति अपार
हम भक्तो का करो बेडा पार
जय जय जय जय जय जय जय जय जय जय सहस्त्रबाहु (४)
आप हमारे देवा और कही ना जाऊ
मेवा मिश्री का मै नित्य भोग लगाऊ
जय जय जय जय जय जय जय जय जय जय सहस्त्रबाहु(४)
मन ये मेरा मंदिर आपके दर्शन पाऊ
दर्शन पाकर में धन्य हो जाऊ
जय जय जय जय जय जय जय जय जय जय सहस्त्रबाहु (४)
ॐ जय कार्तवीर्य हरे, ॐ जय महावीर हरे I
ॐ जय कार्तवीर्य हरे, ॐ जय महावीर हरे I
निज भक्तों के कष्ट अहो, प्रभु क्षण में दूर करें II ॐ जय II
चक्रदेव ईश्वर अवतारी, वीरों के अधिनायक I
तुम प्रतिपालक क्षात्रधर्म के, मानव भाव विधायक II ॐ जय II
धनु भार खण्ड पास कर राजे, हिय वैजन्ती माला I
भांख चक्र त्रिशूल वर्म ध्वज, कर में गदा विशाला II ॐ जय II
तुम भारत संस्कृति विस्तारक सहस्त्रबाहु बलधारी I
जग जननी के कष्ट दूर कर, काल चक्र महि टारी II ॐ जय II
तुम रक्षक जग प्रजापाल, तुम न प वर योगी राज यति I
प्रभु तुमको किस भाँति मिलें, हम अवगुण मंदमति II ॐ जय II
ब्रह्मा, विष्णु, महेश मुनि नारद देव ऋषि जन सारे I
सब जश वेद पुराण बखानें, नाथ सहस्त्र तुम्हारे II ॐ जय II
यज्ञ-दान, तप-योग शौर्य बल श्रुति कर विजय सुहाते I
दैत्य, नाग, सब करते स्तुति, महिमा नत हो गाते II ॐ जय II
जो सुमरे वह जग में उचरे, तन का कष्ट मिटे I
सुत, वैभव, सुख, शांति प्राप्त हो, भवभय शीघ्र हटे II ॐ जय II
ॐ जय कार्तवीर्य हरे, ॐ जय महावीर हरे I
निज भक्तों के कष्ट अहो, प्रभु क्षण में दूर करें II ॐ जय II
ॐ जय कार्तवीर्य हरे, ॐ जय महावीर हरे I
ॐ जय कार्तवीर्य हरे, ॐ जय महावीर हरे I
निज भक्तों के कष्ट अहो, प्रभु क्षण में दूर करें II ॐ जय II
चक्रदेव ईश्वर अवतारी, वीरों के अधिनायक I
तुम प्रतिपालक क्षात्रधर्म के, मानव भाव विधायक II ॐ जय II
धनु भार खण्ड पास कर राजे, हिय वैजन्ती माला I
भांख चक्र त्रिशूल वर्म ध्वज, कर में गदा विशाला II ॐ जय II
तुम भारत संस्कृति विस्तारक सहस्त्रबाहु बलधारी I
जग जननी के कष्ट दूर कर, काल चक्र महि टारी II ॐ जय II
तुम रक्षक जग प्रजापाल, तुम न प वर योगी राज यति I
प्रभु तुमको किस भाँति मिलें, हम अवगुण मंदमति II ॐ जय II
ब्रह्मा, विष्णु, महेश मुनि नारद देव ऋषि जन सारे I
सब जश वेद पुराण बखानें, नाथ सहस्त्र तुम्हारे II ॐ जय II
यज्ञ-दान, तप-योग शौर्य बल श्रुति कर विजय सुहाते I
दैत्य, नाग, सब करते स्तुति, महिमा नत हो गाते II ॐ जय II
जो सुमरे वह जग में उचरे, तन का कष्ट मिटे I
सुत, वैभव, सुख, शांति प्राप्त हो, भवभय शीघ्र हटे II ॐ जय II
ॐ जय कार्तवीर्य हरे, ॐ जय महावीर हरे I
निज भक्तों के कष्ट अहो, प्रभु क्षण में दूर करें II ॐ जय II