धनबाद के एग्यारकुंड प्रखंड के गोपालपुर बस्ती बस्ती के आसपास मध्यकालीन भारतीय इतिहास के समय वैष्णव धर्म मानने वालों की जानकारी का पता पुरातत्व शोध में चला है। गोपालपुरा हरि मंदिर के नीचे जो पत्थर लगा हुआ है वह सदियों पुराना है। भगवान बलराम का वर्षों पुराना शिलालेख मिला है
जासं,, मैथन/मुगमा। एगयारकुंड प्रखंड के मुगमा स्थित गोपालपुर बस्ती में भगवान बलराम का शिलालेख मिला है। यह शिलालेख लगभग 800 साल पुराना होने की संभावना है। तलाश संस्था में पुरातत्व विभाग के रिसर्च डायरेक्टर सह पुणे डेक्कन कालेज रिसर्च एसोसिएट शुभम रजक इसकी खोज की है। उन्होंने बताया कि गोपालपुर बस्ती बस्ती के आसपास मध्यकालीन भारतीय इतिहास के समय वैष्णव धर्म मानने वालों की जानकारी का पता पुरातत्व शोध में चला है। गोपालपुरा हरि मंदिर के नीचे जो पत्थर लगा हुआ है वह सदियों पुराना है। बस्ती के उत्तर दिशा के खेतों में भगवान बलराम का वर्षों पुराना शिलालेख मिला है जिसकी ऊंचाई 1.30 मीटर और चौड़ाई 1 फीट 6 इंच है। यह शिलालेख करीब 800 वर्ष पुरानी होने की संभावना।
उन्होंने बताया कि बस्ती के इर्द गिर्द और भी पुराना शिलालेख मिलने की उम्मीद है। भगवान विष्णु के शिलालेख के विषय में भी पता चला है जिस पर शोध कर रहे हैं। वर्तमान में बलराम का जो शिलालेख मिला है वह हवा और पानी के कारण खराब हो रहा है। यह शिलालेख सेंड स्टोन से बना हुआ है। शिलालेख पर बने चित्र कई चीजों को दर्शा रही है। शिलालेख का शोध करने पर पता चला कि इसका ऊपरी हिस्सा चैत्य आर्च है। उसके नीचे शेषनाग की आकृति बनी हुई है। साथ ही उसमें जटा, सर्प व हल की आकृति बनी हुई है। इतनी पुराने शिलालेख की जानकारी होने से बस्ती के लोगों में खुशी का माहौल व्याप्त है।
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सौजन्य : जागरण e paper लिंक: https://www.jagran.com/jharkhand/dhanbad-800-year-old-inscription-of-lord-balram-found-in-gopalpur-village-of-dhanbad-21972154.html