भगवान श्री बलभद्र ने की थी शिवलिंग की स्थापना !

पूरे भारत वर्ष में केवल दो शिवलिंग ऐसे हैं, जिनकी स्थापना स्वयं अवतारी पुरुषों ने की थी। भगवान श्री राम ने पहले शिवलिंग की स्थापना की थी जो रामेश्वरम में है।  दूसरे शिवलिंग की स्थापना सेषनाग के अवतार और भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई श्री बलभद्र भगवान ने की थी। यह शिवलिंग गंगा किनारे रामघाट पर है, जिसकी स्थापना श्री बलराम ने की थी।

श्री मनकामेश्वर बन्खंडेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।यह जिला बुलंदशहर की डिबाई तहसील में रामघाट बांग, उत्तर प्रदेश में है | पेड़ों की ओट में छिपा हुआ है यह मंदिर तथा ऊंचाई पर है। रामघाट से मंदिर तक जाने का कोई सुगम रास्ता अभी बना नहीं है।


महत्ता और प्रसिद्धि:-

कहा जाता है कि बलराम कोलासुर राक्षस का वध किया था।  उन्होंने अपने शस्त्र हल को जिस स्थान पर धोया था, उसका नाम हरदुआगंज है। फिर उन्होंने गंगा किनारे रामघाट पर आकर स्नान किया और शिवलिंग की स्थापना की थी। पहले रामघाट का नाम बलराम घाट था। बाद में यह रामघाट के नाम से प्रसिद्ध हो गया। बलराम जी द्वारा स्थापित मंदिर को “श्री मनकामेश्वर बन्खंडेश्वर महादेव” के नाम से जाना जाता है। रामघाट, जहां पर लोग स्नान करते हैं, यह मंदिर दिखाई नहीं देता है। पेड़ों की ओट में छिपा हुआ है। मंदिर ऊंचाई पर है।

रामघाट का संबंध राम से नहीं है अपितु  बलराम से है।

संपादक Manoj Kumar Shah

इस पोस्ट को अपने समाजबंधु के साथ जरूर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

समाजबंधु के सदस्य बने
X
अब आप समाजबंधु के सदस्य भी बन सकते हैं
हम 24 घंटे के भीतर आपको जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे
<
संपादक बने
भाव-विचार और अनुभवों के आदान-प्रदान से सामाजिकता की भावना का संचार होता है।
>
क्या आप समाजबंधु संपादक बनना चाहते हैं ?
वैवाहिकी सदस्य बने
यह कलवार | कलार | कलाल समाज के लडकों और लड़कीयो के रिश्ते तय करने में सहयोग हेतु बनाया गया है।
>
नमस्ते,
समाजबंधु विवाह मॅट्रिमोनी में आपका स्वागत है।
धन्यवाद।
मनोज कुमार शाह