मकर संक्रांति

सूर्य देवता को समर्पित है त्‍योहार

इस दिन से रात छोटी होने लगती हैं और दिन लंबे होने लगते हैं. ऐसा माना जाता है कि उत्तरायण के समय नए कार्य जैसे- गृह प्रवेश, व्रत, मुंडन करना शुभ होता है.


गीता के अनुसार, पितामाह भीष्म ने अपने प्राण तब तक नहीं त्यागे थे, जब तक मकर संक्रांति नहीं आई थी यानि सूर्य ने उत्तरायण नहीं किया था.

मकर संक्राति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. उत्तरायण का महत्व हिंदू धर्म में विशेष है और इस दिन लोग गंगा स्नान करते हैं. 

धार्मिक ग्रंथों में सूर्य के उत्तरायण को शुभ माना गया है। इसे देवताओं का दिन भी कहा जाता है। इस अवधि में धार्मिक कार्यों का निर्वाह किया जाता है। इनमें शादी, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शामिल हैं। 


आयुर्वेदाचार्य डाॅ. भरत कुमार जायसवाल बताते हैं कि मकर संक्रांति पर खाई जाने वाली सभी चीजें जैसे तिल, चूड़ा, गुड़ आदि अपने आप में एक औषधि है जो शरद ऋतु में अंदर से कमजोर हुए लोगों को फिर से मजबूत बनाने में मदद करती है। इसके साथ ही बसंत के बाद आने वाली भीषण गर्मी के लिए अंदर से तैयार करते हैं। यही नहीं, ये भोज्‍य पदार्थ शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करते हैं। इससे मौसम परिवर्तन से होने वाली बीमारियों से भी रक्षा होती है।

  
रक्तचाप को नियंत्रित करता है तिल

तिल स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है। तिल की तासिर गर्म होती है। इसलिए इससे बने तिलकुट शरद ऋतु में ठंड से बचने में मदद करते हैं। तिल में कई तरह के लवण जैसे कैल्श‍ियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम होते हैं जो हृदय की मांसपेशि‍यों को सक्रिय रूप से काम करने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों की हड्डियों के विकास में मदद करता है। इसके अलावा यह मांसपेशियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। तिल का तेल त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद और तनाव तथा डिप्रेशन को कम करने में सहायक होता है।

कई लोगों का रामबाण इलाज है गुड़

गुड़ कई रोगों के लिए रामबाण इलाज है। शरीर में खून की कमी को दूर करने में गुड़ काफी सहायक है। साथ ही, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। गुड़ में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए और विटामिन बी, शुक्रोज, ग्लूकोज, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जस्ता, मैग्नेशियम आदि पाया जाता है। गुड़ से भूख भी बढ़ती है।

दही से बढ़ती है पाचन शक्ति

दही पाचन शक्ति बढ़ाती है। दही में प्रोटीन, लेक्टोस, आयरन, कैल्शियम और फॉसफोरस पाया जाता है। साथ ही दही पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है। इसमें मौजूद लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया कई रोगों का इलाज करने में मददगार होता है। यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। ताजी दही की तासिर गर्म होती है। इसलिए हेमंत और शिशिर ऋतु में इसका सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है।

संपादक Manoj Kumar Shah

इस पोस्ट को अपने समाजबंधु के साथ जरूर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

समाजबंधु के सदस्य बने
X
अब आप समाजबंधु के सदस्य भी बन सकते हैं
हम 24 घंटे के भीतर आपको जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे
<
संपादक बने
भाव-विचार और अनुभवों के आदान-प्रदान से सामाजिकता की भावना का संचार होता है।
>
क्या आप समाजबंधु संपादक बनना चाहते हैं ?
वैवाहिकी सदस्य बने
यह कलवार | कलार | कलाल समाज के लडकों और लड़कीयो के रिश्ते तय करने में सहयोग हेतु बनाया गया है।
>
नमस्ते,
समाजबंधु विवाह मॅट्रिमोनी में आपका स्वागत है।
धन्यवाद।
मनोज कुमार शाह