Shri Dauji Maharaj Ji ki Aarti
श्री दाऊजी महाराज आरती
जय बलदेव हरे, स्वामी जय बलदेव हरे ।
हे दुःख भंजन, रोहिणी नंदन, सब दुख दूर करे ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
जय बलदेव हरे, स्वामी जय बलदेव हरे ।
हे दुःख भंजन, रोहिणी नंदन, सब दुख दूर करे ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
में जग में भटका हु, पार करो बाबा । स्वामी पार करो बाबा
अपनी शरण लगाओ उद्धार करो बाबा ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
माथे मुकुट विराजे, सिरे पंचरंग चीरा । स्वामी सि पचरंग चीरा
चन्दा के सम चमकै, ठोड़ी पै हीरा ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
सुन्दर वस्त्र मनोहर, मन हरनी झांकी । स्वामी मन हरनी झांकी
आपने भक्त जनन पै, नजर करो बाँकी ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
माखन मिश्री खावे, विजया भोग धरे । स्वामी विजया भोग धरे
सकल मनोरथ सारे , विपदा दूर करे ।।
ॐ जाये बलदेव हरे…
मैया संमुख विराजै, सबके दुःख हरनी । स्वामी सबके दुःख हरनी
सबकी करै सहाई, माँ मंगल करनी ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
जो नर तुमको ध्यावै, कष्ट नहीं पावै । स्वामी कष्ट नहीं पावै
अमर प्रेम पद पावै, भाव से तर जावै ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
सुन्दर ताल बानो है, क्षीर सागर न्यारो । स्वामी क्षीर सागर न्यारो
जो स्नान करै जन, मिट जाये दुःख सारो ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
कृष्णचन्द्र वृन्दावन, महारास कीन्हौ । स्वामी महारास कीन्हौ
गिरि के ऊपर बैठे, सिंह रूप लीन्हो ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
अजब अनौखी लीला, है ब्रज में भारी । स्वामी है ब्रज में भारी
वानर द्विविद गिराया, हलमूसल धारी ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
दाऊ बाबा की आरती, जो जन नित गावै । स्वामी जो जन नित गावै
मान वाँछित फल पावै, मन – मन हरषावै ।।
ॐ जय बलदेव हरे…
बलदाऊ की आरती कीजै
कृष्ण कन्हैया को दादा भैया, अति प्रिय जाकी रोहिणी मैया
श्री वसुदेव पिता सौं जीजै…… बलदाऊ
नन्द को प्राण, यशोदा प्यारौ , तीन लोक सेवा में न्यारौ
कृष्ण सेवा में तन मन भीजै …..बलदाऊ
हलधर भैया, कृष्ण कन्हैया, दुष्टन के तुम नाश करैया
रेवती, वारुनी ब्याह रचीजे ….बलदाऊ
दाउदयाल बिरज के राजा, भंग पिए नित खाए खाजा
नील वस्त्र नित ही धर लीजे,……बलदाऊ
जो कोई बल की आरती गावे, निश्चित कृष्ण चरण राज पावे
बुद्धि, भक्ति ‘गिरि’ नित-नित लीजे …..बलदाऊ