मैं “अखिल असम कलवार समाज, तिनसुकिया, असम” हूँ ! मेरा जन्म 27 फ़रवरी 2011 को असम राज्य के तिनसुकिया शहर में हुआ है | मैं एक शहर से होता हुआ, दूसरे शहर में और एक जिले से होता हुआ, असम के सभी जिलों में अपना अस्तित्व बना चुका हूँ | मैं असम के समाज-बंधुओं के द्वारा बड़े प्यार से दुलार से संचालित होता हूँ | मेरे जन्म के एक वर्ष बाद मेरा पहला जन्मदिन 27 फ़रवरी 2012 को तिनसुकिया शहर के समाजबंधुओं ने मनाया | जन्मदिन के उपहार स्वरुप और महिला उत्थान हेतु तिनसुकिया शहर के जागरूक लोगों ने मेरे तत्वाधान में “महिला समिति” का असम में सर्वप्रथम शुभारम्भ किया | तिनसुकिया की मातृशक्ति को मैं नमन करता हूँ | वर्ष 2012 मेरे लिए आत्मगौरव बढ़ने वाला वर्ष रहा है | मैं तिनसुकिया शहर की सीमाओं में सीमित न रह कर असम के कई शहरों में फैल गया हूँ सम्पूर्ण विस्तार हो गया है | मैं अब अपने अभिभावक स्वरुप “केंद्रीय समिति” के संरक्षण में आ गया हूँ, आज मेरी कई शाखायें हैं जो कि जिला समिति, नगर समिति, यूवा समिति और महिला समिति के रूप में गठित हैं | मैं गर्व से और सर उठा के कह सकता हूँ कि भारत वर्ष के कलवारों के बीच मैं एक मात्र संस्था हूँ जो केवल और केवल एक ही संगठन एक ही नाम अर्थात “अखिल असम कलवार समाज” के नाम से पूरे राज्य में सेवारत है | ऐसी सांगठनिक व्यवस्था तो पूरे भारत के किसी राज्य में नहीं है | धन्यवाद, कलवार समाज-बंधु, आप ने मुझे गौरवान्वित किया है | मेरे नाम को आप दिनांक: 25/07/2013 को संख्या: RS/KAM(M)/D/208 से समाज के पंजीकरण अधिनियम XXI of 1860 के अन्त्रगत पंजीकृत भी करा लिया है | आप के संरक्षण एवं सहयोग से अब मैं समाज सेवा की एक प्रतिमूर्ति बन गया हूँ | एक कड़ी से दूसरी कड़ी जुड़ती जा रही है | कुलदेवता कुलश्रेष्ठ का पूजन, एकीकरण, स्वसामजिक लोगों को सदस्य बनाकर समाज से जोड़ना, उनके दुख दर्द, ख़ुशी में सामिल होना, समाज के विशिष्ट लोगों का सम्मान, सामाजिक महत्व के कई दिवसों का पालन, अनाथ गरीबों की सेवा, चिकित्सीय सेवा द्वारा मेरा मान बढ़ाया जा रहा है और मेरे सम्मान की रक्षा की जा रही है |
मैं समाज के सभी वर्गों में मोतियों की माला की तरह पिरो दिया गया हूँ | मेरे माथे पर कोहिनूर स्वरुप विश्व का प्रथम कलवार वेबसाइट सजा | कलवार समाज हेतु मेरा वेबसाइट www.kalwarsamaj.info पूरे भारत में प्रेरणा स्वरुप रहा, अब मैं अपने वेबसाइट के उन्नत स्वरुप में www.kalwarsamaj.com से सज गया हूँ | मैं विश्व के कलवार समाज में सोशलमीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, ईमेल से सूचनाओं का आदान प्रदान करता हूँ |
मेरे लिए अब महासभा के आयोजन होते हैं | केंद्रिय समिति द्वारा 2013 में अविस्मरणीय अभूतपूर्व प्रथम महासभा का आयोजन गुवाहाटी में किया गया | आज भी वह महासभा मिल का पत्थर है | द्वितीय महासभा का आयोजन गोलाघाट शहर में बहुत ही कम समय में सुव्यवस्थित रूप से हुआ | इस दौरान मेरे सम्मान में 2 पत्रिका का भी प्रकासन हो चुका है | सन 2019 तृतीय महासभा आयोजन की बारी अब मेरे नाम के जन्मदाता तिनसुकिया की है जिनका साथ डिब्रूगढ़ जिला दे रहा है और यह महासम्मेलन दोनों जिला एक साथ मिलकर आयोजित कर रहें हैं |
मैं चिंतित रहता था कि मुझे जाने कब विवाह जैसे शुभ कार्यक्रमों हेतु भवन या उसके जमीन से नवाजा जाएगा, चलिए वर्ष 2018 में वह समय भी आ गया जब मुझे गुवाहाटी के दानवीर श्री चन्द्रकान्त जायसवाल जी ने भवन निर्माण हेतु गुवाहाटी शहर के बीचोंबीच 3 कट्ठा जमीन, जिसमें मिट्टी भरी हुई है और जिसकी चाहारदीवारी तैयार है, उपलब्ध करा दिया है | मेरी ख़ुशी दुगुनी हो गई जब मुझे दानवीर श्री डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जायसवाल जी, ने 3 कट्ठा जमीन राजगढ़ शहर, जिला डिब्रूगढ़ में उपलब्ध कराया |
आज अखिल असम के अधिकारी तथा कार्यकर्ता समय की मांग के अनुसार आप सब मेरे लिए अपने जीवन के अनमोल क्षण को मेरी सेवा में समर्पित कर रहें हैं और समुचित संवर्धना सेवा यत्न तथा उत्साहपूर्वक आवश्यक व्यवस्था कर रहें हैं आप सबों को मेरा प्यार भरा नमन तथा धन्यवाद !
अब आप से मेरी मुलाकात आने वाली चतुर्थ महासभा में होगी !
जय कलवार ! जय जय कलवार !! जय जय जय कलवार !!!
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