क्यों जी आखिर क्यों – हमें अब सोंचना चाहिए

मेरे पड़ोस के लड़के की शादी हुई है आज बहुभात (भोज) है।
हम पार्टी वाले स्थान पर पहुंच गए, सजावट और प्रकाश से खुशनुमा माहौल बना देख कर मन प्रशन्न हो गया। पहुँचने में देर हो गई है तो सीधे वर-वधु को आशीष और गिफ्ट दे खान खाने बढ़ गए।
दुःख हुआ जब जूठन खाना फेके हुए फ़ूड डस्टबिन को देखा । दो गमले रोटी, नान, शब्जी इत्यादि से लद गये दिखे। क्यों आखिर क्यों हम अपने प्लेट में खाना जरूरत से ज्यादा ले लेते हैं। क्यों हम ज्यादा ले कर फेंक देते हैं। हम कब अन्न का सम्मान करेंगें। हम कब समझदारी से काम लेना सीखेंगें।
पार्टी हेतु हमें खाने को व्यवस्थित करना सीखना और सिखाना पड़ेगा।


पार्टी के पहले :
1: मेहमानों के सूची का आंकलन सठीक करें ।
2: एक ब्यक्ति 300 से 400 ग्राम खाना खाते हैं का अनुमान रखें ।
3: हाइटी में आपने अधिक आइटम खिलाय है तो खाना लोग कम खायेंगें का ध्यान रखें।
4: अमूमन हलवाई 300 लोगों का खाना बनाते हैं तो 350 लोग का खाना हो ही जाता है।
5: अच्छे हलवाई से सामान का लिस्ट लें और उसे बना सामान नष्ट ना हो का समझ दें साथ साथ हिदायत भी दें।


पार्टी चलते समय:
1: केटरिंग के लड़कों को हिदायत दें कि वे थोड़ा कम और उम्र के हिसाब से सर्व करें
2: आप फ़ूड डस्ट बिन देखें और खाना चलाने वाले को बताएं की लोग क्या छोड़ रहे हैं ।
3: हाइटी का आरम्भ जल्द करें जिससे खाने और हाइटी में समय का अंतराल हो ।
4: यदि आप मेहमान हैं तो प्लेट में खाना और सभी आइटम एक बार एक साथ ना लें
5: फ़ूड टेबल पर काम से कम 3 बार अवश्य जाना पड़े उतना ही सामान एक बार लें ।


पार्टी के बाद:
1: बचे हुए खाना को बांटने की व्यवस्था करें।
2: ऐसे संस्थानों की जानकारी लें जो बचे खाने को के जा कर जरूरत मंद में बाट देते हैं ।
3: जहाँ खाना दान दिया जा सके पूजा जैसे स्थल पर तो वहां खाना खुद ही जा कर बांट दें।
धन्यवाद !
मैनें कहीं कुछ गलत लिखा हो तो अन्यथा न लें ।

संपादक Manoj Kumar Shah

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