बलराम जन्म कथा
जब देवकी के ६ संतानों को कंस ने मार दिया तब ७ वें संतान के रूप में बलराम जी हुए और आठवें श्रीकृष्ण भगवान हुए | भगवान बलराम जी को शेषनाग का अवतार माना जाता है | बलराम जी का जन्म देवकी माता से रोहिणी माता के गर्भ में संकर्षण से किया गया | यह कार्य श्री हरि ने योगमाया से सम्भव करवाया |
कश्यप ऋषि की पहली पत्नी अदिति थीं, उन्ही के गर्भ से बामन अवतार हुआ था और उन्हें बामन अवतार का सम्मन मिला था | कश्यप ऋषि की दूसरी पत्नी का नाम कादरु था | कादरु के गर्भ से नागों की पूरी सृष्टी अवतरित हुई | अतः नागों के अधिपती शेषनाग ने जब बलराम के रूप में अवतार लिया तो नागमाता को मातृ सम्मान देने हेतु रोहिणी के गर्भ से जन्म लिया | प्रसंग बस आप को जानकरी देता चलूं की बलराम जी के जन्म के समय महर्षि कश्यप का अवतार नन्द के रूप में हुआ था और उनकी पत्नी के रोहिणी पिछले जन्म में कादरु थीं |