सोच बदलें – सामाजिक कार्यक्रमों को अवसर समझें, समाज को दिशा दें-सहयोग दें

समाज के कार्यक्रम: सिर्फ भोज नहीं, भविष्य का निर्माण हैं
✍️ मनोज कुमार शाह, तिनसुकिया (असम)
📞 मोबाइल: 8638014073
🌐 www.samajbandhu.com

आजकल जब भी समाज में कोई कार्यक्रम होता है — चाहे वह स्वास्थ्य जांच शिविर हो, स्वच्छता अभियान, वैवाहिक परिचय सम्मेलन, या वार्षिक सभा — तो कुछ लोग हल्के में कह देते हैं कि “ये तो बस टाइम पास और खाने-पीने का आयोजन है।”

लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है?

वास्तव में, समाज के कार्यक्रम केवल भोजन या मिल बैठने का बहाना नहीं होते — ये भविष्य की नींव रखने वाले आयोजन होते हैं। इन कार्यक्रमों में:

🔹 लोग आपस में मिलते हैं, पहचान बनाते हैं, और विश्वास गहराते हैं
🔹 भाईचारा और मेल-जोल बढ़ता है, जो संकट के समय सहारा बनता है
🔹 समाज की एकता और संगठन की ताकत सामने आती है
🔹 नई सोच, सुझाव और नेतृत्व को मंच मिलता है
🔹 और सबसे महत्वपूर्ण — इन आयोजनों के माध्यम से समाज को सरकारी योजनाओं से जोड़ने का अवसर भी मिलता है

आज सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, आरक्षण, छात्रवृत्ति, आवास, राशन, पेंशन और स्वरोजगार जैसी सैकड़ों योजनाएँ चलाई जा रही हैं। पर अफ़सोस कि कई समाजजनों को इन योजनाओं की जानकारी तक नहीं है।

समाज के कार्यक्रम एक ऐसा मंच बन सकते हैं जहाँ लोगों को योजनाओं की जानकारी दी जाए, आवेदन भरने में सहायता की जाए और सरकारी लाभ उन तक पहुँचाया जाए। इसके लिए:

🔸 आयोजन में “सरकारी योजना सूचना डेस्क” लगाया जाए
🔸 जाति, आय, निवास प्रमाणपत्र बनवाने में मदद दी जाए
🔸 समाज की ओर से सरकार को सुझाव, माँग या आवेदन दिए जाएं
🔸 समाज के जरूरतमंद लोगों को योजनाओं में शामिल कराने के लिए टीम बनाई जाए

इन आयोजनों को सफल बनाने में समय, साधन और धन की आवश्यकता होती है। कुछ समाजसेवी अपनी क्षमता अनुसार पूरा सहयोग करते हैं, लेकिन यदि सभी समाजजन थोड़ा-थोड़ा सहयोग करें — चाहे आर्थिक हो और समय का भी हो — तो आयोजन और भी असरदार हो सकते हैं।

आज के डिजिटल युग में संस्थाओं को चाहिए कि वे हर निमंत्रण पत्र या डिजिटल सूचना में QR कोड जोड़ें ताकि इच्छुक व्यक्ति तुरंत ही सहयोग राशि भेज सके। इससे पारदर्शिता भी बनी रहती है और भागीदारी भी बढ़ती है।

सेवा को हमेशा निःशुल्क देने की अपेक्षा करना उचित नहीं। सेवा का सम्मान करना, उसे टिकाऊ बनाना, और यथाशक्ति सहयोग करना हर जिम्मेदार समाजजन का कर्तव्य होना चाहिए।

मैंने www.samajbandhu.com के माध्यम से यह प्रयास किया है कि असम के समाज को और भारत के कलवार समाज को डिजिटल रूप से एकजुट किया जाए। वैवाहिक जानकारी से लेकर सामाजिक जागरूकता और योजनाओं की जानकारी तक — समाज को संगठित, शिक्षित और सशक्त बनाना ही मेरा उद्देश्य है। इस कार्य में आप सबका सहयोग मेरी सबसे बड़ी शक्ति है।

आइए, सोच बदलें —
समाज के कार्यक्रमों को केवल “टाइम पास” न समझें,
बल्कि उन्हें “समय निर्माण”, “सरकारी लाभ” और “सामाजिक सशक्तिकरण” का अवसर मानें।
हमारा समाज हमारी सोच, हमारी एकता और हमारे प्रयासों से ही आगे बढ़ेगा।

संपादक Manoj Kumar Shah

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