1. राज्य OBC सूची 2. केन्द्रीय OBC सूची 3. Non-Creamy Layer (NCL)

OBC (Other Backward Classes) ऐसे सामाजिक समूह होते हैं जो:

  • आर्थिक, सामाजिक या शैक्षणिक रूप से पीछे रह गए हैं,
  • और जिन्हें सरकारी योजनाओं, नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण (reservation) की ज़रूरत होती है।

इनका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाना होता है।

OBC को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में एक निश्चित प्रतिशत सीटों का आरक्षण दिया जाता है।
भारत में केंद्र सरकार द्वारा OBC के लिए 27% आरक्षण तय है।

  • हर राज्य सरकार अपनी अलग OBC सूची तैयार करती है।
  • राज्य सरकार की इस सूची के अनुसार, OBC को:
    • राज्य की सरकारी नौकरियों,
    • राज्य के कॉलेजों,
    • राज्य की योजनाओं में आरक्षण व लाभ मिलता है।

📌 उदाहरण: अगर असम सरकार किसी जाति को OBC माने, तो वह जाति असम की सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में OBC आरक्षण पाएगी।

  • भारत सरकार (केंद्र) भी अपनी एक “Central OBC List” रखती है।
  • इसमें शामिल जातियों को:
    • UPSC, रेलवे, बैंक, BSNL, SSC जैसी केंद्रीय नौकरियों में OBC आरक्षण मिलता है।
    • केंद्रीय विश्वविद्यालयों (जैसे JNU, DU, BHU, IIT, NIT) में OBC कोटे का लाभ मिलता है।

📌 उदाहरण: अगर कोई जाति केंद्र की OBC सूची में है लेकिन राज्य की सूची में नहीं है — तो उसे राज्य में लाभ नहीं मिलेगा, केवल केंद्र सरकार से संबंधित सुविधाएँ मिलेंगी।

दोनों सूचियों में शामिल होना क्यों जरूरी है?

अगर कोई जाति दोनों सूची में हो:

  • तो उसे राज्य व केंद्र दोनों जगहों पर आरक्षण का लाभ मिलेगा।
  • अगर वह केवल एक में हो, तो केवल उसी स्तर पर लाभ मिलेगा।

एक उदाहरण:

कलवार जाति:

  • बिहार, बंगाल, झारखंड जैसे राज्यों में OBC सूची में है।
  • लेकिन असम में नहीं है, इसलिए वहाँ न राज्य न ही केंद्र में लाभ नहीं मिलता (जब तक असम केंद्र को अनुशंसा नहीं भेजता)।

निष्कर्ष:

बिंदुराज्य OBC सूचीकेंद्र OBC सूची
किसके लिए हैराज्य की नौकरियाँ, कॉलेज, योजनाएँकेंद्रीय नौकरियाँ, कॉलेज, योजनाएँ
कौन बनाता हैराज्य सरकारकेंद्र सरकार (NCBC की सिफारिश पर)
जरूरी दस्तावेजराज्य OBC प्रमाणपत्रकेंद्र OBC (Non-Creamy Layer) प्रमाणपत्र
एक जाति दोनों में हो सकती है?हाँहाँ

“Non-Creamy Layer” OBC आरक्षण से जुड़ा एक बहुत जरूरी नियम है, और इससे ही तय होता है कि आप OBC में होते हुए भी सरकारी आरक्षण का लाभ ले सकते हैं या नहीं।

OBC वर्ग में आने वाले सभी लोग आरक्षण के पात्र नहीं होते।
अगर कोई OBC परिवार आर्थिक रूप से संपन्न है, तो उसे “Creamy Layer” कहा जाता है — और उसे आरक्षण नहीं मिलता।

👉 जो OBC परिवार आर्थिक रूप से कमजोर या मध्यमवर्गीय है (जिनकी सालाना आय ₹8 लाख से कम है), उन्हें “Non-Creamy Layer” कहा जाता है — और यही लोग OBC आरक्षण के योग्य होते हैं।


किसी भी सरकारी नौकरी, UPSC/SSC/BANK परीक्षा या सरकारी कॉलेज में OBC आरक्षण का लाभ लेने के लिए आपको यह प्रमाणपत्र देना होता है।


  1. OBC जाति प्रमाणपत्र (Caste Certificate)
    – जो दिखाता है कि आप OBC समुदाय से हैं
    – जारी करने वाला प्राधिकारी: तहसील/SDO/Block Office
  2. आय प्रमाणपत्र (Income Certificate)
    – परिवार की कुल वार्षिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए
    – आय स्रोत: वेतन, व्यवसाय, किराया, ब्याज आदि
    – जारीकर्ता: जिला अधिकारी/तहसीलदार/मजिस्ट्रीट
  3. आधार कार्ड
    – आवेदक का पहचान पत्र
  4. स्थायी निवास प्रमाणपत्र (Domicile)
    – ताकि यह साबित हो कि आप राज्य के मूल निवासी हैं
  5. पासपोर्ट साइज फ़ोटो
  6. आवेदन फॉर्म (जिस राज्य में रहते हैं, उस राज्य का विशेष फॉर्म)

  • अपने तहसील कार्यालय (Tehsil Office), SDO Office, या जन सेवा केंद्र (CSC) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
  • कुछ राज्यों में ऑनलाइन आवेदन पोर्टल भी है।

  • यह सर्टिफिकेट आमतौर पर 1 साल के लिए वैध होता है।
  • हर साल नई नौकरी या परीक्षा के लिए ताज़ा प्रमाणपत्र दिखाना होता है।

  • यदि परिवार में कोई सरकारी अफसर, IAS/IPS, उच्च अधिकारी या सांसद/विधायक हैं — तो उन्हें Non-Creamy Layer का लाभ नहीं मिलेगा, भले ही उनकी आय कम हो।
  • यह सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक और पद आधारित मापदंड भी देखता है।

उदाहरण:

परिवार की स्थितिNCL मिलेगा?
आय ₹6 लाख, व्यवसाय✅ मिलेगा
आय ₹9 लाख, नौकरी❌ नहीं मिलेगा
पिता बैंक मैनेजर, ₹7.5 लाख आय✅ मिलेगा
पिता IAS अधिकारी❌ नहीं मिलेगा

संपादक Manoj Kumar Shah

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