“राज्य OBC सूची” और “केंद्र OBC सूची” में फर्क होता है और यही कई बार भ्रम की वजह बनता है।

उत्तर है नहीं।
हर राज्य की अपनी OBC सूची होती है, और

केंद्र सरकार की अलग OBC सूची होती है।


  • इसका उपयोग राज्य सरकार की नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों, और राज्य योजनाओं में आरक्षण के लिए होता है।
  • जैसे: बिहार, यूपी, महाराष्ट्र आदि में OBC की अलग-अलग जातियाँ होती हैं।

उदाहरण:

  • “कलवार” जाति बिहार और यूपी में OBC है।
  • लेकिन कुछ अन्य राज्यों में इसे OBC नहीं माना जाता।

  • यह केंद्र सरकार की नौकरियों, UPSC, SSC, और केंद्रीय योजनाओं के लिए मान्य होती है।
  • अगर आपकी जाति केंद्र की OBC सूची में नहीं है, तो आप केंद्रीय आरक्षण का लाभ नहीं ले सकते।

जैसे:

  • अगर कोई जाति राज्य में OBC है लेकिन केंद्र में शामिल नहीं है, तो वह व्यक्ति केंद्र की सेवाओं में OBC लाभ नहीं ले सकता।

बिंदुराज्य OBC सूचीकेंद्र OBC सूची
किसके अधीन हैराज्य सरकारभारत सरकार
कहाँ लागू होता हैराज्य योजनाएँ और नौकरियाँकेंद्र सरकार की योजनाएँ और नौकरियाँ
जातियाँअलग-अलग हो सकती हैंराज्यों की तुलना में सीमित और सख्त चयन

  1. अगर आपकी जाति राज्य OBC सूची में है, लेकिन केंद्र में नहीं —
    तो आपको केंद्र सरकार को आवेदन (representation) देना पड़ता है, OBC में शामिल कराने के लिए।
  2. यदि आपकी जाति दोनों में शामिल है —
    तो आप दोनों जगहों पर OBC लाभ ले सकते हैं।
  3. OBC प्रमाण पत्र बनवाते समय यह देख लें कि वह राज्य के लिए बना है या केंद्र के लिए
    (इसके लिए विशेष शब्द होते हैं जैसे: “Central OBC Certificate”).

विषयसमझ
सभी राज्य OBC जातियाँ केंद्र में मान्य नहीं होती✅ सच
केंद्र OBC सूची अलग होती है✅ हाँ
दोनों सूचियों में नाम होने से ही हर योजना का लाभ मिलेगा✅ हाँ
  • राज्य सरकार (मुख्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग)
  • प्रक्रिया राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (State Backward Classes Commission) के माध्यम से होती है।
  1. जाति के लोगों द्वारा आवेदन / ज्ञापन देना (MLA, सामाजिक संगठन, पंचायत प्रतिनिधि के माध्यम से)
  2. समाज का इतिहास, संख्या, सामाजिक पिछड़ापन, आर्थिक स्थिति का विवरण देना।
  3. राज्य पिछड़ा आयोग द्वारा:
    • समाज का सर्वेक्षण, साक्ष्य एकत्रित करना
    • सुनवाई आयोजित करना
    • रिपोर्ट तैयार करना
  4. रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाती है।
  5. राज्य कैबिनेट मंजूरी देती है।
  6. जाति को राज्य की OBC सूची में अधिसूचना द्वारा शामिल कर लिया जाता है।
  • जाति का सामाजिक-ऐतिहासिक विवरण
  • जनसंख्या आँकड़े
  • पिछड़ेपन के प्रमाण (शिक्षा, नौकरी, जमीन आदि के आँकड़े)
  • सामाजिक संगठनों के समर्थन पत्र

कौन करता है?

  • भारत सरकार (Social Justice and Empowerment Ministry)
  • प्रक्रिया राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के माध्यम से होती है।

प्रक्रिया:

  1. राज्य सरकार की सिफारिश अनिवार्य होती है (State Govt. must recommend)
  2. राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजती है।
  3. NCBC जाति का गहराई से परीक्षण करता है:
    • सर्वे
    • सार्वजनिक सुनवाई
    • ऐतिहासिक, सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक स्थिति का अध्ययन
  4. फिर NCBC अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपता है
  5. कैबिनेट समिति की मंजूरी के बाद राजपत्र (Gazette Notification) में जाति को केंद्र OBC सूची में जोड़ा जाता है।

ज़रूरी दस्तावेज़:

  • राज्य सरकार की सिफारिश
  • समाज की रिपोर्ट
  • पब्लिक सुनवाई में समाज के प्रतिनिधियों की उपस्थिति और दस्तावेज़
  • सामाजिक संगठनों का समर्थन

बिंदुराज्य OBC सूचीकेंद्र OBC सूची
नियंत्रणराज्य सरकारभारत सरकार
लाभराज्य योजनाएँ, नौकरी, शिक्षाकेंद्र की नौकरी, UPSC/SSC/NEET आदि
प्रक्रियाराज्य आयोग करता हैराष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC)
सिफारिशज़रूरी नहींराज्य सरकार की सिफारिश अनिवार्य

  • यदि आपकी जाति राज्य सूची में है पर केंद्र में नहीं, तो आपको केंद्र OBC में शामिल कराने के लिए प्रयास करना चाहिए।
  • इसमें समाज के संगठनों, नेताओं और जन प्रतिनिधियों को मिलकर प्रस्ताव तैयार कर सरकार तक पहुँचाना होता है

आज का समय संगठन और पहचान का है। यदि हमें समाज के लिए सरकारी योजनाओं, नौकरियों, शिक्षा और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में उचित भागीदारी चाहिए, तो हमारी जातीय पहचान दोनों स्तरों पर मान्य होनी चाहिए — राज्य और केंद्र सरकार की OBC सूची में। हमारी तीन मुख्य जातियाँ:

  • कलवार
  • कलाल
  • कलार
    ये जातियाँ ऐतिहासिक रूप से वैश्य वर्ण से जुड़ी रही हैं, और आज भी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों में आती हैं। इसलिए इनका OBC सूची में होना पूरी तरह जायज़ और आवश्यक है।

यदि आपकी जाति केवल राज्य OBC सूची में है, लेकिन केंद्र की सूची में नहीं:

तो आप केंद्र सरकार की योजनाओं, UPSC, SSC, बैंक, रेलवे, NEET जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में OBC आरक्षण का लाभ नहीं ले पाएंगे।

और यदि आपकी जाति केवल केंद्र की सूची में है, लेकिन राज्य सूची में नहीं:

तो आप अपने राज्य की OBC छात्रवृत्ति, शिक्षा, नौकरी, आवास आदि योजनाओं से वंचित रहेंगे।


हमारी जातियाँ – कलवार, कलाल, कलार – दोनों जगह (राज्य व केंद्र OBC सूची) में शामिल हों।


1. अपनी जाति की स्थिति जांचें:

  • अपने राज्य की OBC सूची देखें – क्या आपकी जाति (कलवार/कलाल/कलार) दर्ज है?
  • भारत सरकार की केंद्रीय OBC सूची देखें – क्या आपकी जाति वहाँ है?

(यदि नहीं, तो समाज को सक्रिय होना पड़ेगा।)

2. संगठित प्रयास करें:

  • समाज के सभी संगठनों, प्रबुद्धजनों, नेताओं और युवा वर्ग को मिलकर एक प्रतिनिधिमंडल बनाएँ।
  • राज्य सरकार को ज्ञापन दें कि हमारी जाति को राज्य OBC सूची में (या केंद्र OBC सूची में) शामिल किया जाए।
  • आवश्यक दस्तावेज़, प्रमाण, सामाजिक सर्वेक्षण, और समर्थन पत्र संलग्न करें।

3. राज्य से केंद्र की सिफारिश करवाना:

  • केंद्र OBC सूची में किसी जाति को शामिल करवाने के लिए राज्य सरकार की सिफारिश अनिवार्य है।
  • इसलिए पहले राज्य सरकार से प्रस्ताव पास करवाना पड़ेगा।

कारणलाभ
सामाजिक न्यायहमारे समाज को आरक्षण और योजनाओं में बराबरी मिलेगी
शिक्षाOBC छात्रों को छात्रवृत्ति, कोचिंग, स्कॉलरशिप में लाभ
रोजगारसरकारी नौकरियों में OBC कोटा का लाभ मिलेगा
राजनीतिक भागीदारीसमाज की आवाज़ बढ़ेगी, प्रतिनिधित्व मजबूत होगा
जनगणना में सही आंकड़ेजब एक नाम से सभी जुड़ेंगे तो गिनती भी ठीक होगी

जब तक हम “एक जाति – एक नाम – एक सूची” के सिद्धांत पर नहीं चलेंगे, तब तक हमें बँटा हुआ समझा जाएगा, और हमारी जनसंख्या भी कम आंकी जाएगी।

आज ज़रूरत है कि कलवार, कलाल, और कलार समाज के सभी लोग मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हमारी जातियाँ राज्य और केंद्र — दोनों OBC सूची में दर्ज हों।

संपादक Manoj Kumar Shah

इस पोस्ट को अपने समाजबंधु के साथ जरूर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *