“सम्पूर्ण भारत की जातीय जनगणना और “कलवार” समाज “

📅 अब पूरे भारत में होने जा रही है जातिगत जनगणना

भारत में जातिगत जनगणना दो चरणों में होगी:

  • पहला चरण: 1 अक्टूबर 2026 से
  • दूसरा चरण: 1 मार्च 2027 से
    ➡️ जनगणना 2027 में पूरी होने की उम्मीद है।

यह हमारे समाज के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है — एकता और पहचान को मजबूत करने का।


🟢 “कलवार” को ही जाति के रूप में दर्ज कराएं

✅ केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में “कलवार” जाति को मान्यता प्राप्त है। नीचे डीटेल देखें
❌ उपजातियाँ (जैसे ब्याहूत, जायसवाल, खरीदहा, शौण्डिक, जैसार) को स्वतंत्र जाति के रूप में दर्ज कराना नुकसानदेह होगा


🔔 समाज से सम्मानपूर्वक अपील:

📌 जनगणना में जाति कॉलम में सिर्फ “कलवार” लिखवाएं
📌 उपजातियाँ पहचान की सामाजिक विशेषता हो सकती हैं, लेकिन
  सरकारी रिकॉर्ड, आरक्षण, और योजनाओं के लाभ के लिए “कलवार” ही मान्य जाति है।

➤ ऐसा करने से हमारी जनसंख्या सही गिनी जाएगी
➤ समाज को उसका हक, सम्मान और प्रतिनिधित्व मिलेगा
भविष्य की पीढ़ियाँ सशक्त होंगी

🛑 जातिगत जनगणना में पिछली भूलें न दोहराएं — कलवार समाज एकजुट हो

बिहार की पिछली जातिगत जनगणना में कलवार समाज की सही पहचान और संख्या सामने नहीं आ सकी।
इसका एक प्रमुख कारण यह रहा कि कई समाज बंधुओं ने अपनी जाति “कलवार” के स्थान पर ब्याहूत, जायसवाल, खरीदहा, शौण्डिक, जैसार जैसी उपजातियों का उल्लेख किया।

यह एक सामाजिक भ्रम था, जिससे हमारी एकता, जनगणना का आंकलन, और आरक्षण व अधिकार तीनों प्रभावित हुए।

कुछ हद तक सरकार भी जिम्मेदार मानी जाएगी, जिसने गजट में स्पष्टता नहीं दी और भ्रम की स्थिति बनाए रखी। “कलवार” जाति को आज तक एक स्वतंत्र कोड नहीं दिया गया।

Link of above image :- https://stsc.odisha.gov.in/sites/default/files/2020-02/OBC_list.pdf

Link for above image :- https://anagrasarkalyan.gov.in/documnts/30-08-2017-06-32-02.pdf

संपादक Manoj Kumar Shah

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