काशी प्रसाद जायसवाल अनुसंधान संस्थान (K. P. Jayaswal Research Institute, पटना)

इतिहास

यह संस्थान अक्टूबर 1950 में बिहार सरकार द्वारा स्थापित किया गया था।
इसका नाम प्रसिद्ध इतिहासकार एवं विधिविद् काशी प्रसाद जायसवाल के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने प्राचीन भारत के इतिहास, राजनीति, धर्म, मुद्रा आदि विषयों पर महत्वपूर्ण शोध कार्य किए।

संस्थान का उद्देश्य है:
प्राचीन और मध्यकालीन बिहार के इतिहास, पुरातत्व, भाषाशास्त्र, वस्तु-विज्ञान (Material Culture) आदि का अध्ययन और संरक्षण करना।


वर्तमान कार्य एवं गतिविधियाँ

  • स्थल: यह संस्थान पटना म्यूज़ियम बिल्डिंग के अंदर स्थित है।
  • पता: Museum Building, Buddh Marg, Lodipur, Patna, Bihar – 800001
  • परिचालन समय: आमतौर पर सुबह से शाम तक खुला रहता है; सोमवार को बंद।

मुख्य कार्य:

  • इतिहास एवं पुरातत्व संबंधी उत्खनन (Excavation) और अन्वेषण (Exploration) प्रोजेक्ट्स।
  • ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक शोध कार्यक्रम।
  • व्याख्यान-संगोष्ठियाँ (Lectures & Seminars), प्रमाण-पाठ्यक्रम (Certificate Courses) आदि।
  • पुस्तकें और शोध पत्र (Publications) प्रकाशित करना।
  • पुस्तकालय सुविधा (Library) जो शोधार्थियों के लिए उपयोगी है।

क्या देखा जा सकता है (Visitor Attractions / What You Can See)

  • म्यूज़ियम में प्राचीन प्रतिमाएँ, मूर्तियाँ, मुद्राएँ (Coins), अभिलेख (Inscriptions), टेराकोटा की वस्तुएँ आदि प्रदर्शित होती हैं।
  • अनुसंधान संस्थान की गैलरी एवं इवेंट हॉल, जहाँ समय-समय पर ऐतिहासिक चित्र, उत्खनन से मिले अवशेष, और शोध प्रदर्शनी लगती हैं।
  • पुस्तकालय, जहाँ इतिहास, पुरातत्व, स्थापत्य, भाषाओं आदि विषयों की किताबें उपलब्ध हैं।
  • शोधार्थियों के लिए संसाधन केन्द्र (Resource Centre), जहाँ दस्तावेज़ और पुरातात्विक सर्वेक्षण रिपोर्ट्स मिलती हैं।

संपादक Manoj Kumar Shah

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