✨ बलभद्र पूजा के ५ पवित्र मन्त्र व उनके अर्थ ✨

मन्त्र १

ॐ नमो बलभद्राय, हलधराय महाबलाय।
संकर्षणाय देवाय, नमः शान्तिदायिने॥

अर्थ: हे बलरामजी! आप हल-धरनी करने वाले, महाशक्तिशाली और संकर्षण स्वरूप हैं। आप सबको शांति और बल प्रदान करें।

मन्त्र २

ॐ दौजी महाराजाय नमः, धर्मपालाय नमो नमः।
कृष्णानुजाय महायोगाय, बलायानन्ताय ते नमः॥

अर्थ: हे दाऊजी महाराज! आप धर्म की रक्षा करने वाले, श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता और महायोगी हैं। हमें अनन्त बल और स्थिरता दें।

मन्त्र ३

ॐ हलिनं मूसलिनं चैव, महाशक्तिधरं विभुम्।
सर्वरोगहरं देवं, बलरामं नमाम्यहम्॥

अर्थ: मैं उस बलराम को प्रणाम करता हूँ, जो हल और मूसल धारण करने वाले, महाशक्ति से युक्त, सब रोग और दोष हरने वाले हैं।

मन्त्र ४

ॐ बलदेवाय शुद्धाय, श्वेतवर्णाय तेजसे।
लोकत्रयहितार्थाय, नमस्ते बलवत्तराय॥

अर्थ: श्वेतवर्णी, तेजस्वी, बलशाली बलदेव को नमन है, जो तीनों लोकों का कल्याण करते हैं।

मन्त्र ५

ॐ रेवत्याः पतये देवाय, बलरामाय नमो नमः।
क्षेम-समृद्धि-दानाय, भक्तवत्सलाय ते नमः॥

अर्थ: हे माता रेवती के पति बलराम! आप कल्याण और समृद्धि देने वाले, भक्तों के प्रति सदा स्नेही हैं, आपको बारम्बार प्रणाम।

🙏 समाज हेतु अनुरोध 🙏

“कलवार समाज के सभी श्रद्धालुओं से विनम्र अनुरोध है कि बलभद्र पूजन-मंडप में इन पाँच मन्त्रों का सामूहिक उच्चारण अवश्य करवाएँ। इससे पूजा अधिक मंगलमयी होगी और सभी को बल, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होगी।”

संपादक Manoj Kumar Shah

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